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सूजन, दर्द और मांसपेशियों में अकड़न: "चोक" हो चुकी नसों के 3 वफ़ादार साथी। इनसे घर बैठे कैसे राहत पाएँ?

कौन है कॉलेस्ट्रोल और थ्रोम्बी का जानी दुश्मन और खून की नसों का सबसे वफ़ादार साथी?
सुधीर पांडे
क्या शाम को आपके पैरों में सूजन आ जाती है? क्या आपके पैरों के तलवे सूज गए हैं, पैर फूले रहते हैं और आपकी एड़ियों पर निशान आ गए हैं? इसका अर्थ है कि आपको वैस्क्यूलर एडिमा है - इसमें कमजोर और चोक हो चुकी रक्त की धमनियों के चारों ओर रहने वाला तरल पदार्थ उनके अंदर प्रवेश कर जाता है। एडिमा से मांसपेशियों में दर्द होता है और वे अकड़ जाती हैं - यह रक्त के प्रवाह में बाधा पड़ने के कारण होता है।
यह सब जानते हैं कि रक्त की धमनियों के कॉलेस्ट्रोल से चोक हो जाने के कारण ही लकवा और हार्ट अटैक की बीमारी होती है। ये सभी हृदय रोग हैं। लेकिन बहुत ही कम लोग यह जानते हैं कि समस्या इससे कहीं गहरी होती है। "चोक हो चुकी" नसें 10 में से 9 ऐसी लंबी पकड़ लेने वाली बीमारियों की जड़ होती हैं जिन्हें लाइलाज समझा जाता है।
सरदर्द, ब्लड प्रेशर ऊपर-नीचे होना। आपके जोड़ों में दर्द होता है और आप अपनी गर्दन या जोड़ों को बड़ी मुश्किल से ही घुमा पाते हैं। शाम को आपके पैरों में सूजन आ जाती है और सुबह आपका चेहरा फूल जाता है। आपको कानों में घंटियों की आवाज सुनाई देती है। आपकी उंगलियां सुन्न सी महसूस होती है और हाथ और पैर ठंडे लगते हैं। आपकी नज़र का पैनापन कम हो जाता है। मेमोरी भी खराब होने लगती है। आपके पास किसी भी चीज के लिए ऊर्जा नहीं बचती। कई लोग कहते हैं कि यह सब तो बुढ़ापे की निशानी होते हैं लेकिन यह बात सच नहीं है।
  • रक्त की धमनियाँ आपके 90% स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार क्यों होती हैं?
  • कॉलेस्ट्रोल के अलावा रक्त की धमनियों की दीवारों पर और क्या जमा होता है?
  • अस्वस्थ रक्त की धमनियों के चार प्रत्यक्ष और सात छिपे हुए लक्षण
  • क्या आप धमनियों को घर पर ही साफ कर सकते हैं?
हमें इन प्रश्नों के उत्तर यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसन एंड फार्मेसी, मुंबई में वैस्कुलर सर्जरी के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट, प्रोफेसर, न्यूरो सर्जन, डॉक्टर प्रसाद अय्यर जी ने दिए।
श्री अय्यर ने दिमाग की हजारों ओपन सर्जरी की हैं। उनका सबसे कम उम्र का पेशेंट सिर्फ 2 दिन का था।
श्री अय्यर के पास जटिल प्रक्रियाओं को भी आसान शब्दों में समझाने का हुनर है। उन्होंने मेडिकल साइंस से अनभिज्ञ लोगों के लिए 47 किताबें और स्टडी गाइड लिखी हैं। उन्हें इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि रक्त की धमनियाँ ही हमारे 90% स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार होती हैं, हमारा स्वास्थ्य और जिजीविषा इस बात पर निर्भर करती है कि ये कितनी साफ हैं।

रक्त की धमनियाँ हमारे 90% स्वास्थ्य के लिए क्यों जिम्मेदार होती हैं?

अय्यर जी आपने कई मौकों पर कहा है कि रक्त की धमनियाँ ही मानव शरीर के 90% स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार होती हैं। ऐसा क्यों है?

मानव शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग कौन सा है? बहुत कम ही लोग इसका उत्तर जानते हैं। यहां तक कि जिन लोगों ने मेडिकल साइंस की पढ़ाई की है वे भी इसका गलत जवाब देते हैं। ये दिमाग या लिवर का नाम लेते हैं। अधिक जानकार लोग कहते हैं कि यह हमारी त्वचा है। वास्तव में सबसे बड़ा अंग हमारा वैस्कुलर सिस्टम है।

हम 1 आदमी की धमनियों को
पूरी पृथ्वी को 2.5 बार लपेट सकते हैं।

जरा कल्पना कीजिए। यदि हमने किसी आदमी के शरीर से सभी धमनियाँ अलग करके उन्हें एक दूसरे से जोड़ दिया तो हमें एक ऐसी रस्सी मिलेगी जो करीब एक लाख किलोमीटर लंबाई की होगी।
आसान शब्दों में कहें तो- भूमध्य रेखा की लंबाई 40 हजार किलोमीटर है। इसलिए, एक आदमी की धमनियों से बनी रस्सी से हम पृथ्वी को 2.5 बार लपेट सकते हैं।
आप इस संख्या के बारे में क्या सोचते हैं?
धमनियाँं केवल ऐसी नालियाँ भर नहीं है जिनमें रक्त बहता है। यह बहुत ही अनोखा और जटिल अंग है और इसमें कोई भी विकार होने से तुरंत बीमारी के लक्षण उभरने लगते हैं।
पैरों की नसों का चोक हो जाना - वेरीकोज नसें, सूजन, पैरों में भारीपन, पैर जाम हो जाना या - तलवों में बहुत जलन होना। एढ़ियाँ फट जाना। रक्त प्रवाह में बाधा - बैक्टीरिया से कोई बचाव नहीं होता, मायकोसिस होने लगती है। नाखून मोटे होने लगते हैं और चमड़ी के अंदर बढ़ने लगते हैं।
लीवर को रक्त की सप्लाई करने वाली धमनियाँं कमजोर हो जाती हैं - हैपेटिक स्टीटोसिस। आप जैसे ही कोई वसा वाले खाने खाते हैं तो मुंह में कड़वा स्वाद आने लगता है।
जोड़ों की धमनियाँ कमजोर हो जाती हैं और चोक होने लगती हैं - जोड़ों की हड्डियां सूख जाती हैं। जोड़ों में दर्द करने लगता है और आपको ओस्टियोनकोंड्रोसिस, हर्निया हो जाते हैं।
हाथों की नसों की लचक चली जाती है - हेमरॉयडल गांठे उभरने लगती हैं।
आंखों की नसें - नज़र खराब होने लगती है और मोतियाबिंद आने लगता है। आंखें लाल रहती हैं और हम समझते हैं कि यह थकान के कारण हो रहा है जबकि इसके पीछे होता है माइक्रोहेमरेज, इसमें आंखों के पीछे की छोटी-छोटी नसें फट जाती हैं।
मस्तिष्क में रक्त प्रवाह में बाधा - चक्कर आना, कान में आवाज सुनाई देना और मेमोरी चली जाना। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आप किचन में कुछ लेने जाते हैं और याद ही नहीं रहता कि किस लिए आए थे? या फिर आपको कभी शब्द याद ही नहीं आते। ये सब इसके लक्षण है कि दिमाग की नसें खराब होने लगी है।
और हाई ब्लड प्रेशर भी इस लिस्ट में जुड़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर ही लकवे का कारण होता है और हार्ट अटैक लाने में भी इसका योगदान होता है।
रक्त की धमनियाँ हमारी पावर सप्लाई हैं, हमारी जिंदगी इनमें ही बहती है। यदि यह महत्वपूर्ण रास्ता बंद हो जाता है तो जिंदगी भी बंद हो जाती है।
"चोक हो चुकी नालियाँ" - सभी अंगों की भूख।
मोटापे का रक्त की धमनियों से सीधा नाता है। कॉलेस्ट्रोल से चोक हो चुकी धमनियों से अंग भूखे रह जाते हैं, उन तक पोषक पदार्थों की आवश्यक मात्रा नहीं पहुंच पाती। दिमाग शरीर में यह संदेश भेजता है कि "आपको खाना खाना है"। और आदमी खाना खाने लगता है। लेकिन शरीर के अंगों को फिर भी उचित मात्रा में पोषक पदार्थ नहीं मिलते क्योंकि आपकी धमनियाँं तो चोक हो चुकी होती हैं। दिमाग फिर से यही सिग्नल भेजता है कि आपको खाना खाना है और यह चीज बार-बार ऐसे ही होती जाती है।
और इसी कारण कई लोगों को हमेशा कुछ ना कुछ खाने की इच्छा होती रहती है, आपको मिठाई या तली चीजों की भूख भी यहीं से आती है - शरीर कैलोरी मांगने लगता है।
जब मेरे साथ के डॉक्टर मरीजों को समझाते हैं: "आपका हाई ब्लड प्रेशर मोटापे के कारण है", तो लोग समझ ही नहीं पाते कि आखिर रोग की जड़ क्या है। हाई ब्लड प्रेशर मोटापे के कारण नहीं होता है, मोटापा हाई ब्लड प्रेशर के कारण होता है।
कहावत है "स्वास्थ्य अच्छा तो सब अच्छा", और इसमें यह भी जोड़ा जा सकता है कि: "साफ धमनियों के बिना अच्छा स्वास्थ्य असंभव है।"
इसलिए मैं लगातार यही कहता हूँ: यदि आपको सामान्य जीवन चाहिए तो आपको अपनी धमनियाँ साफ और स्वस्थ बनाना ही होगा। साफ धमनियों से आप 90% लंबी बीमारियों से बच सकते हैं, जिनमें से अधिकतर को "लाइलाज" माना जाता है।

कॉलेस्ट्रोल के अलावा धमनियों को क्या चोक करता है?

हम सब जानते हैं कि कॉलेस्ट्रोल कितना खतरनाक होता है। ये धमनियों को चोक कर देता है, उन्हें संकरा कर देता है और रक्त प्रवाह को बाधित करता है। लेकिन ये सिर्फ कॉलेस्ट्रोल के कारण नहीं होता है।

6.1 किग्रा
- 50 की उम्र तक धमनियों में जम चुके अपशिष्ट पदार्थों का कुल वजन।

कॉलेस्ट्रोल
यह सच है। धमनियों के अपशिष्ट में 65-70% कॉलेस्ट्रोल या "एथेरोस्क्लेरोटीक प्लाक़" ही होते हैं।
50 की उम्र तक, शरीर की नसों में 5 किलो तक कॉलेस्ट्रोल की पपड़ी जम जाती है। कॉलेस्ट्रोल के जमने से नसों की दीवार 4-5 गुना संकरी हो जाती है।
जरा सोचिए। यदि नस के अंदर का व्यास एक उंगली के बराबर हो तो 5 किलो कॉलेस्ट्रोल की पपड़ी उसे 4 माचिस की तीलियो के बराबर जगह जितना संकरा कर देती है।
ये पपड़ी जान के लिए खतरा नहीं होतीं। ज़िंदगी की गुणवत्ता खराब होने लगती है, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, सरदर्द, पीठ में दर्द, कमजोरी और चिड़चिड़ापन आने लगते हैं। नसों में जमने वाले थ्रोम्बी के थक्के इससे कहीं ज़्यादा खतरनाक होते हैं।
थ्रोम्बी का थक्का
नसों में जम चुके थ्रोम्बी का वजन काफी कम होता है, "केवल" 800 ग्राम - 1 किलो तक। लेकिन इनकी सबसे खतरनाक चीज होती है इनकी अस्थिरता। ये थ्रोम्बस (रक्त के थक्के) कभी भी टूट सकते हैं और फिर ये कहर ढा देते हैं।
एक बड़ा रक्त का थक्का रक्त की धमनी को पूरी तरह से चोक कर सकता है। इससे इस्कीमिया हो जाता है - अंग को इस धमनी से खून की आपूर्ति बंद हो जाती है।
इस्कीमिक स्ट्रोक - दिमाग की नस चोक हो जाना। हार्टअटैक - हृदय की नसों में रुकावट। लिवर का इस्कीमिया, फेंफड़े खराब हो जाना, किडनी पर ज़ोर पड़ना। बवासीर और कुछ नहीं गुदा का इस्कीमिया होते हैं। पैरों की छोटी नस में रुकावट से आगे चलकर नेक्रोसिस - या गैंगरीन हो जाता है।
कैल्सियम लवण
नसों में कैल्सियम लवण - दवाओं और फूड सप्लिमेंट के रासायनिक अवशेष। 50 साल में शरीर में करीब 300-400 ग्राम कैल्शियम लवण जमा हो जाते हैं। कैल्सियम लवण की सबसे ज़्यादा मात्रा दिमाग की नसों में जमा होती है।
अपनी क्रिस्टल जैसी संरचना के कारण कैल्शियम लवण खतरनाक होते हैं। ये तुरंत धमनी को संकरा कर देते हैं जिससे वे अकड़ने लगती हैं। तनाव, शारीरिक मेहनत या मौसम के कारण कैल्शियम के पैने क्रिस्टल धमनियों की दीवार को तोड़ सकते हैं। दिमाग की नस के फट जाने को ही हेमोरेजिक स्ट्रोक कहते हैं।

अस्वस्थ धमनियों के चार प्रत्यक्ष और सात छिपे हुए लक्षण

ऐसे कौन से लक्षण हैं जो यह दर्शाते हैं कि हमारी धमनियाँ चोक हो गई हैं? जब आपका शरीर यह संदेश दे रहा हो कि " अपनी रक्त की धमनियों को तुरंत साफ करो!", तो इसे कैसे समझें?

यदि आप 45 से ऊपर के हैं और धमनियों को साफ करने के लिए आपने कभी भी न्यूट्रास्यूटिकल्स नहीं लिए हैं तो मैं गारंटी देता हूं कि आपको धमनियों में दिक्कत आने वाली है।

45
की उम्र ही वह पड़ाव है जिस पर धमनियों को साफ करना जरूरी होता है

धमनियों का कॉलेस्ट्रोल और रक्त के थक्के से चुप हो जाना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो उम्र के बढ़ने के साथ होती ही है। आधुनिक जमाने का खाना, दवाएँ, धूम्रपान और शराब पीने से इनका जमना 5-8 गुना तेज हो जाता है। यह एक कड़वी सच्चाई है जिससे मुंह नहीं फेरा जा सकता।

धमनियों में अपशिष्ट जमने के मुख्य लक्षण

यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो इसे पढ़ना बंद कर दें क्योंकि यही धमनियों की बीमारियों का सबसे बड़ा लक्षण है।
क्या आपका ब्लड प्रेशर स्थिर नहीं रहता है? ब्लड प्रेशर दवाइयां लेने के बाद लगातार बढ़ा रहता है? यदि ऐसा है तो आपको यह जान लेना चाहिए कि आपकी धमनियों में केवल 30% खाली जगह बची है। बाकी की जगह में कॉलेस्ट्रोल की पपड़ी, रक्त के थक्के, थ्रोम्बी और कैल्शियम लवण जमा हो चुके हैं।
इसलिए, थोड़ा भी तनाव होने, मौसम में बदलाव होने, या मैग्नेटिक फील्ड के अत्यधिक बढ़ जाने के कारण भी आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और आपको ऐसा लगता है मानो सिर में हथौड़े चल रहे हो और जोड़ों में दर्द होने लगता है।

चोक हो चुकी धमनियों के कारण होने वाली चार बीमारियां:

  • 1. हाई ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर जिसे आप को दवा लेकर कम करना पड़ता है। यह इसका मुख्य लक्षण है। क्या आपको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है? आपकी धमनियाँ सफाई का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं!
  • 2. वेरीकोज़ नसें पैरों पर बदसूरत और सूजी हुई नसें दिखना,भारीपन और दर्द होना,सूजन आ जाना। कॉलेस्ट्रोल और रक्त के थक्कों के टुकड़े नसों के वाल्व बंद कर देते हैं। त्वचा के ऊपर से धमनियों का "तारों" जैसा आकार दिखना शुरू हो जाता है जो समय के साथ एक पूरा "जाल" बन जाता है। वेरीकोज़ नसें ऐसे ही शुरू होती हैं।
  • 3. हेमरॉयड्स गोदा में रक्त की नसों के चोक हो जाने के कारण हेमरॉयडल गठानों में दाह उत्पन्न होता है। रक्त की धमनियों में पपड़ी जम जाने के कारण फिशर भी होता है।
  • 4. ऑस्टियोकॉन्ड्रिटिस जोड़ों में ठीक से रक्त का प्रवाह नहीं होना। इससे जोड़ कड़े हो जाते हैं और घिसने लगते हैं क्योंकि उन्हें वापस ठीक होने का समय ही नहीं मिलता। जोड़ वापस ठीक नहीं होते और सूख जाते हैं। इनका गद्दे जैसा प्रभाव कम पड़ जाता है। लवण बहते नहीं है और अनियंत्रित रूप से जमा होते चले जाते हैं।

7 छिपे हुए लक्षण:

  • 1. एडिमा चोक हो चुकी नसें खून को पंप नहीं कर पाती हैं। नमक और पानी का मेटाबॉलिज्म खराब हो जाता है। शाम को पैरों में सूजन आ जाती है और एड़ियों पर मोजों के गहरे निशान पड़ जाते हैं। सूजा हुआ चेहरा, आंखों के नीचे सूजन। आप अपनी उंगलियों में से अंगूठी नहीं उतार पाते हैं। फूला हुआ पेट भी यही दर्शाता है कि आप के अंदरूनी अंगों में सूजन आ गई है।
  • 2. कानों में आवाज आना कानों में हल्की से लेकर तेज आवाजें तक आ सकती हैं जिनसे आपको ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है। यह दिमाग की नसों में दबाव बढ़ जाने के कारण होता है जिससे कान के पर्दे दबने लगते हैं।
  • 3. चक्कर आना ऐसा महसूस होना मानो नशा किया हो, कई बार अचानक सर घूमने लगना यही दर्शाता है कि धमनियों की प्रणाली भूख से परेशान है। इसके कारण कई बार सुनने की क्षमता कमजोर हो जाती है।
  • 4. अनिद्रा आपको दिन भर नींद आती रहती है और ऊर्जा की कमी महसूस होती है, लेकिन आप आधी रात के पहले सो भी नहीं पाते? इसलिए होता है क्योंकि पीयूष ग्रंथि में पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाती। ग्रंथि मेलाटोनिन बनाना बंद कर देती है - मेलाटोनिन ही नींद का हार्मोन होता है।
  • 5. ऊर्जा में कमी आपको कमजोरी महसूस होती है। आपको कुछ भी करने की इच्छा नहीं होती। आपको बस ऐसा लगता है कि बिस्तर में पड़े रहो और खाते रहो। यह तब होता है जब शरीर ऊर्जा बचाने लगता है। चोक हो चुकी नसें अंगों के लिए आवश्यक भोजन का परिवहन नहीं करने देती जिससे शरीर अपनी क्रियाओं को धीमा कर देता है ताकि मृत्यु ना हो।
  • 6. नज़र कमजोर होने लगना आंखों के सामने तारे दिखना, धब्बे नज़र आना, नज़र में धुंधलापन। आंखों की नसों में गड़बड़ियों के लक्षण
  • 7. जोड़ों में दर्द मौसम के बदलने पर जोड़ों में दर्द होना। अच्छी नींद होने के बाद भी सुबह सोकर उठने पर आपको ऐसा लगता है मानो हाथ पर जम गए हो, एढ़ियों में दर्द होता है। आपको सुन्न पड़ चुके हाथ-पैर वापस ठीक करने में थोड़ा समय लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर के सिनोवियल फ्लूड के गुणधर्म नष्ट हो जाते हैं।
क्या आपको भी इनमें से कोई लक्षण है? आपके जोड़ आपको बता रहे हैं कि उन्हें सफाई और भोजन की जरूरत है।
कई बार, लोगों को अलग-अलग तीव्रता में कई लक्षण एक साथ होते हैं। ऐसा भी होता है कि यह सारे लक्षण एक साथ दिख जाएं।
इससे परेशान लोग हर बीमारी को अलग-अलग ठीक करने की कोशिश करते हैं। हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयां, वेरीकोज नसों के लिए क्रीमें, हेमरॉयड्स के लिए दवाएं, ओस्टियोकांड्रोसिस के लिए जैल। और, लगभग सभी लोग दर्दनाशक दवाएं तो लेते ही हैं...
ऐसे लोग सिर्फ दवा कंपनियों की जेब में ढेरों पैसे भरते हैं। लेकिन धमनियों की सभी बीमारियों का केवल एक ही कारण होता है - रुकावट। इलाज की शुरुआत यहीं से करनी चाहिए और सबसे पहले धमनियों की सफाई होनी चाहिए।

आपको अपनी धमनियों में से कोलेस्ट्रॉल, रक्त के थक्के और पपड़ी की सफाई करने के लिए क्या उपयोग करना चाहिए?

कृपया हमें प्रोफेशनल सलाह दें। जैसे: सुनीता ओसवाल, नागपुर, 57 वर्ष, शादीशुदा हैं, उनका वजन ज्यादा है, उन्हें ब्लड प्रेशर और वेरीकोज नसों की भी शिकायत है। जब भी मौसम बदलता है उनका शरीर भी मानो बैरोमीटर के हिसाब से बदलने लग जाता है - जोड़ों में दर्द, कमजोर और दिन भर नींद आना, सरदर्द।

हम सुनीता जी की मदद कैसे कर सकते हैं? सुनीता अपनी नसों की सफाई कैसे कर सकती हैं, वे डॉक्टर के पास जाकर यह फैसला भी नहीं सुनना चाहतीं कि: " आपको वजन कम करने की जरूरत है"," आपको दौड़ना होगा"," आपको अच्छा खाना खाना होगा", आपकी उम्र वैसे भी ज़्यादा...", आदि?

अधिकतर मेडिसिनल और फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट कोई असर नहीं करते हैं लेकिन आपका पैसा खर्च करवा कर आपको दिवालिया जरूर बना सकते हैं और इनकी लत भी लग जाती है।
दुर्भाग्य से भारत में डॉक्टर और अस्पताल ऐसे ही काम करते हैं। यह बात समझ में आती है कि आखिर क्यों मरीज़ डॉक्टरों के पास नहीं जाना चाहते। लेकिन सुनीता खुद ही मैनेज कर लेंगी।
मैं सिर्फ एक ऐसे प्रोडक्ट का नाम ले सकती हूं जो धमनियों की सुरक्षित रूप से सफाई कर सकता है - यह है न्यूट्रास्यूटिकल Cardioton. Cardioton से 11-17 साल उम्र बढ़ जाती है, ऊर्जा मिलती है और राहत का अहसास होता है, आपको दर्द और दिक्कतों से छुटकारा मिल जाता है और यह आप की ऊर्जा नहीं पी पाते।
इससे कोई नुकसान नहीं होता, क्योंकि यह एक हर्बल चाय है, यह धमनियों की ऑपरेशन द्वारा सफाई करने के बाद Cardioton
Cardioton पौधों के तत्वों का एक मिश्रण है, जो पानी के संपर्क में आने पर जीवित अणुओं को सक्रिय कर देता है। इनसे धमनियों का कोलेस्ट्रॉल दूर हो जाता है, दीवारों पर चिपके रक्त के थक्के, कैल्शियम की पपड़ी, दवाइयों के अपशिष्ट आदि भी बह जाते हैं। ये सभी चीजें ही रक्त प्रवाह में बाधा डालती है।
कई सालों से जमा अपशिष्ट जो आपके शरीर को विषैला कर रहा होता है Cardioton से केवल 1.5-2 महीनों के इलाज में ही बह जाता है।
केवल 6 महीने में, Cardioton 4 किलो कॉलेस्ट्रोल की पपड़ी हो घोलकर दूर कर देती है। यह 900 ग्राम से लेकर 1 किलो तक रक्त के थक्के नरम करके 350 से 400 ग्राम कैलशियम क्लोराइड भी बहा देती है।
इससे, सरदर्द और कानों में आने वाली आवाज भी चले जाते हैं। दिमाग को पर्याप्त भोजन मिलने लगता है और वह सुपर कंप्यूटर की गति से काम करने लगता है। दिमाग की सोच साफ होने लगती है।
संवेदनाएं तीव्र हो जाती हैं, आपको अच्छी आवाज सुनाई देने लगती हैं जो आपने पहले कभी नहीं सुनी थीं। सुनने की क्षमता भी बेहतर हो जाती है, अब आप दूसरे कमरे में चल रही बातचीत को भी सुन सकते हैं।
सूंघने की क्षमता में नए रंग आ जाते हैं। नाक का बंद होना खत्म हो जाता है, हमेशा सर्दी बने रहना और एलर्जी भी चले जाते हैं। ब्रोंकिया सीधी हो जाती है। सांस बिल्कुल आसान और मुक्त हो जाती है। ताजी हवा भरकर पूरे शरीर में फैल जाती है और अच्छा अहसास देती है, इससे मूड बहुत अच्छा हो जाता है।
स्वाद तीव्र और गहरा हो जाता है। सामान्य खाने में भी बहुत स्वाद का एहसास होता है। आप कम खाते हैं लेकिन पेट जल्दी भर जाता है। मीठी और तली चीजों को खाने की इच्छा कम हो जाती है।
आपके जोड़ आपका धन्यवाद देने लगते हैं। इनमें दर्द होना बंद हो जाता है। अब यह चटकने नहीं है क्योंकि जोड़ों का लुब्रिकेंट तरल वापस आ जाता है और ये अच्छे से चलने लगते हैं। यह ठीक उसी तरह है जब किसी कार के इंजन ऑयल को बदला जाता है, मेटल के टुकड़ों वाले काले हो चुके पुराने तेल की जगह नया साफ तेल भर देने पर अच्छी चिकनाई आ जाती है।

बहुत ही असरदार। सच कहूं तो, मैंने इससे पहले कभी Cardioton के बारे में नहीं सुना। मुझे सिर्फ न्यूट्रास्यूटिकल्स के बारे में कुछ सामान्य तथ्य पता हैं। जापान और इस्राइल में न्यूट्रास्यूटिकल प्राथमिक इलाज के रूप में देखे जाते हैं। लेकिन भारत में इन प्रोडक्ट को अभी भी संदेह की दृष्टि से देखा जाता है।

मुझे पक्का विश्वास है कि सुनीता जी ने इसके पहले हजारों सप्लीमेंट या गोलियां खाई होंगी और उन्हें असरदार प्रोडक्ट पर पैसा खर्च करने में डर लगता था क्योंकि यह संदेहास्पद लगते हैं।

हमारे संदेह ही हमें धोखा देते हैं, इनके कारण हम कई ऐसी चीजें नहीं पा पाते जो हमें मिल सकती हैं,क्योंकि हमें डर लगता है।
मैं आपको आत्मविश्वास की कमी के बारे में एक बहुत अच्छी कहानी बताता हूं।
1928 में दुनिया का पहला एंटीबायोटिक खोजा गया था - पेनिसिलिन। यह डिसेंट्री, टाइफाइड, बुखार को ठीक कर देती थी जिससे उस जमाने में कई लोगों ने अपनी जान गवाईं थी।
लेकिन अधिकतर लोग यह विश्वास नहीं कर रहे थे कि इससे उन्हें फायदा होगा, क्योंकि उन्होंने पहले हजारों तरह की बेकार की चीजें ट्राई करके देख लिया था। लेकिन जिन लोगों को हजारों बार असफलता मिली थी और जो एक बार और ट्राय करने में नहीं डरे वे ठीक हो गए। जिन मरीजों ने इस सोच के कारण पेनिसिलिन ट्राई नही की कि: लो आ गया "एक और बेकार का इलाज", उनकी मृत्यु हो गई, हालांकि उनकी जान बचाने का तरीका उनके सामने ही था।
जिस तरह पेनिसिलिन ने डिसेंट्री, टाइफ़ाइड और पल्मोनरी प्लेग का सफाया कर दिया था, उसी तरह Cardioton धमनियों के विकारों को साफ कर देगी। कोरिया, जापान, कनाडा, स्विट्ज़रलैंड और इस्राइल इस दिशा में पहले कदम उठा चुके हैं। इन्होने इसके कानूनी ढांचे को तैयार कर लिया है: पहले न्यूट्रास्यूटिकल से धमनियों की सफाई की सलाह दी जाती है, और दवाओं से इलाज बाद में जरूरत पड़ने पर किया जाता है।
भारत में Cardioton को एक जगह पर ऑफिशियल रूप से लिखा जाता है - अमीर लोगों के लिए मंहगे अस्पतालों में। जहां 'वीआईपी' लोगों का इलाज किया जाता है: मंत्री, आईएएस ऑफिसर, फिल्मी सितारे, आदि। यहाँ इस्राइल के तरीके से इलाज किया जाता है और मरीजों को बहुत जल्दी नतीजे मिल जाते हैं।
दूसरे मरीजों के लिए सरकार कंपनियों द्वारा बनाए रसायनों से इलाज के लिए कहती है जो सरकार से सेटिंग किए रहते हैं।

मैं स्वीकार करता हूँ कि संदेह ही हमारा सबसे बड़ा शत्रु है, लेकिन मैं नई चीजों को आजमाने से नहीं डरता।

चलिए मान लेते हैं मैंने Cardioton खरीद ली, मैंने उसका नर्म डब्बा खोला, बॉटल बाहर निकाली और एक ग्लास पानी में 1/2 चम्मच घोल दी...क्या होता है? आखिर Cardioton कैसे काम करती है?

पानी के संपर्क में आने पर ये एक तरह से एक प्राकृतिक प्रयोगशाला सक्रिय कर देती है। कॉस्टिक सोडा - प्राकृतिक सोडा जिसे खदानों से निकाला जाता है, पानी से रिएक्शन करके Cardioton में पाए जाने वाले प्राकृतिक सत्तों का ऑक्सिजनेशन चालू कर देता है।
पेरॉक्साइड (ऑक्सिजनेशन) का असर - ऑक्सिजन से समृद्ध हो जाने के कारण अणुओं का अवशोषण तेज हो जाता है।
पानी और ऑक्सिजन से समृद्द होने के कारण स्वास्थ्य के लिए अच्छे सत्त पेरॉक्साइड के गुण अपना लेते हैं जो है - ऑक्सिजनेशन।
जो अणु Cardioton में पाए जाते हैं, ये एक तरह से ऑक्सिजन के बम हैं। ये धमनियों में जमे कॉलेस्ट्रोल की पपड़ी को फोड़कर रक्त प्रवाह के लिए खोल देते हैं।
सोल्यूशन में Cardioton धुंधली होती है और हल्के पीले रंग की दिखती है। इसका स्वाद कड़वा, थोड़ा खट्टा और सौंफ की खुश्बू वाला होता है।
आपको 5 मिनट के अंदर सोल्यूशन को पी लेना होता है, मतलब, सत्तों के अणु ऑक्सिजनेशन से सक्रिय होने के बाद इतने समय के लिए ही काम करते हैं। इसलिए Cardioton इतनी असरदार होती है - क्योंकि आप जीवित सत्त अपने सक्रिय रूप में लेते हैं। वहीं अधिकतर दवाएं आपको मृत और निष्क्रिय अणु देती हैं।
पेरॉक्साइड का असर यह सुनिश्चित करता है कि जीवित अणु तुरंत मिश्रित हो जाते हैं। ऑक्सिजन से समृद्ध अणु तुरंत भोजन नली की दीवारों में अवशोषित हो जाते हैं। इसलिए, Cardioton से एसिडिटी नहीं होती, न कड़वा स्वाद आता है, न आंतों में जलन होती है और पेट पर कोई हानिकारक असर नहीं होता। ये पेट के अल्सर से ग्रस्त लोगों के लिए भी उचित होती है। Cardioton .
Cardioton ठीक करने वाले सत्तों का एक ऐसा खजाना है जिसमें अलग-अलग तरह के सत्त सामंजस्य में काम करके शुद्धता लाते हैं और रक्त की धमनियों का प्रतिरोध मजबूत करते हैं।
यह अपशिष्टों को साफ कर देती है
तिबत्ती लोफांट (हर्ब) कॉलेस्ट्रोल की रुकावट खोल देती है। लोफांट के अणु रक्त धमनियों की दीवारों पर जमे कॉलेस्ट्रोल के टुकड़ों को एक छैनी की तरह निकालते हैं। धमनियाँ अच्छे से खुल जाती हैं जिससे रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है। हमारे आंतरिक अंग "पीने" लगते हैं। जोड़ "उठ कर ज़िंदगी जीने लगते हैं", क्योंकि इनमें पानी और ऑक्सीजन भर जाते हैं और इनकी खुद की अपने-आप ठीक होने की प्रणाली शुरू हो जाती है। लचक वापस आ जाती है। गर्दन घुमाने पर आने वाली आवाज आना बंद हो जाती है। मौसम बदलने पर घुटने और उंगलियों में दर्द होना बंद हो जाता है।
एडिमा गायब हो जाता है। पैरों की सूजन चली जाती है - आप दिन भर चलें तब भी कुछ नहीं होता।
त्वचा में रक्त का प्रवाह वापस आ जाता है - ऊपर से दिखने वाला नसों का जाल गायब हो जाता है। वेरिकोज़ नसें धीरे-धीरे गायब हो जाती हैं, और बवासीर की गठानें सूख जाती हैं।
इससे ऊर्जा मिलती है
अणु एल्फ़डॉक एक्सट्रैक्ट । ये कॉलेस्ट्रोल के अणुओं को पकड़ कर उनसे चिपक जाते हैं और उन्हें उच्च घनत्व वाले उपयोगी लिपोप्रोटीन में बदल देते हैं, जिससे वसा टूट जाती है।
Cardioton 2 समस्याओं को हल कर देती है: ये कॉलेस्ट्रोल के अपशिष्ट को दूर करके वसा के सही तरह से जलने को उत्प्रेरित करती है। आपको अपनी शक्ति में अच्छी बढ़त महसूस होती है, आपको लगता है कि आप चलें-फिरें, आपको ऐसा लगने लगता है मानो आप पहाड़ भी चढ़ जाएंगे।
अकड़न दूर करते हैं
काले जीरे का सत्त धमनियों की अकड़न दूर करता है। यह रक्त की धमनियों को चिकना बना कर उनके क्रैंप दूर करता है। यह रक्त प्रवाह की कमी से ग्रस्त धमनियों को राहत देकर उन्हें रिलैक्स कर देता है। ब्लड प्रेशर वापस सामान्य हो जाता है। सरदर्द गायब हो जाता है, कान में झुनझुनाहट की आवाज कम हो जाती है, फेंफड़े और श्वसन अच्छे से काम करने लगते हैं और सांस लेना आसान हो जाता है। अब आपको सांस की कमी महसूस नहीं होती।
हृदय पर से दबाव हटा देता है
मदरवोर्ट का एक्स्ट्रैक्ट धमनियों मैं फेल कर रक्त के थक्के और थ्रोम्बी को ढूंढता है। खून को पतला कर देता है जिससे वह अच्छे से बहता है। थ्रोम्बी और रक्त के थक्कों को तोड़ देता है। कैल्शियम लवण को धमनियों की दीवारों से धोकर बहा देता है - ये दवाइयों के अपशिष्ट होते हैं।
सीने में दबाव कम हो जाता है और आप को सांस लेने में आसानी होने लगती है। हृदय गति फिर से सामान्य हो जाती है और अब आपको अतालता और हृदय की धड़कन में असामान्य तेजी की शिकायत नहीं होती। हृदय में अचानक होने वाला करंट जैसा एहसास भी बंद हो जाता है।
हार्ट अटैक होने का जोखिम शून्य हो जाता है।
धमनियों को ठीक कर देता है
राजगीर के बीज धमनियों की दीवारों को ठीक करते हैं। राजगीर बीजों के अणु धमनियों की दीवारों के टूटे हिस्सों को एक तरह से गोंद की तरह चिपका कर ठीक कर देता है। दिमाग को लकवे से अच्छी सुरक्षा मिलती है। दिमाग की कोशिकाओं को भोजन और ऑक्सीजन मिलने लगती है और आपका सर हल्का हो जाता है।

बटरफ्लाई असर

Cardioton एक तरह से तितली के पंखों के असर की तरह है जिससे कई तरह की अविश्वसनीय प्रक्रियाएँ शुरू हो जाती हैं। इससे कई सालों से जमा हुआ धमनियों का अपशिष्ट चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलने लगता है, Cardioton पूरे शरीर को वापस ठीक करने की प्रक्रियाओं की एक पूरी श्रृंखला चालू कर देती है।

Cardioton से 1 महीने इलाज करवाना बिल्कुल उसी तरह का असर करता है मानो आप फिर से पैदा हो गए हो।
आसानी से नींद खुलना
आपकी सुबह आसानी से नींद खुल जाती है और आपको अपने पैरों, पीठ और गर्दन के सुन्न एहसास के जाने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता।
सुबह उठते ही शरीर में ऊर्जा और शक्ति भर जाती है क्योंकि आपकी धमनियाँ पूरी तरह से साफ होती हैं एवं अंगों को पर्याप्त भोजन और रात का आराम मिलता है। शरीर के हिस्सों को रक्त की उचित आपूर्ति मिलती है और वे नए दिन के लिए शक्ति पा लेते हैं।
स्वादिष्ट नाश्ता
आप सुबह के नाश्ते में बटर के साथ एक ब्रेड की स्लाइस, आमलेट खाते हैं और आपका लिवर और पेट उन्हें बहुत अच्छे से स्वीकार करता है। अब आपके मुंह में कड़वा स्वाद नहीं आता और पेट में दर्द भी नहीं होता। Cardioton आपके पेट को भोजन की आपूर्ति करने वाली धमनियों को साफ कर दिया होता है, अब आप एक लोहे की कील भी पचा सकते हैं।
बैल की तरह शक्ति
घर से निकलने पर आपको अपने पैरों की चिंता नहीं करनी पड़ती - आप दिनभर चलेंगे तब भी यह नहीं थकते, इन में सूजन भी नहीं आती। अब आपके पैरों पर जूतों और मौजों के निशान नहीं पड़ते।
गहरी शांति का अहसास
आप शांत और रिलैक्स रहते हैं। पहले हमेशा बना रहने वाला दर्द जो चेतना को धुंधला किए रहता था और आपको ध्यान केंद्रित करने से रोके रहता था, गायब हो जाता है। जब आपको कोई दर्द नहीं होता तो आपकी पसंद की चीजें, आवाजें, खुशबू है और तीव्रता से महसूस होने लगती हैं।
ऐसा जोश कि ईर्ष्या होने लगे
दिन भर कड़ी मेहनत करने के बाद भी आप घर आते हैं तो आपका दिमाग साफ रहता है। आपका दिमाग स्विस घड़ी की तरह सटीक काम करता है और आपको बिल्कुल भी थकान नहीं होती।
आरामदेह नींद
आप बिस्तर पर जाते ही तुरंत सो जाते हैं। पुराने दिनों की तरह आधी रात भर करवटें बदल-बदल कर सोने की कोशिश नहीं करनी पड़ती। अब यह बहुत आसान हो जाता है - अब आप फैसला करते हैं कि आपको कब सोना है और आपका शरीर तुरंत सोने के लिए तैयार हो जाता है।

कमी और डिस्काउंट का प्रोग्राम

- Cardioton लगभग सभी दवा की दुकानों से गायब हो गई है। क्यों?

दुर्भाग्य से यह सच है। साल की शुरुआत से ही, Cardioton को दवा की दुकानों पर सप्लाई नहीं किया जा रहा है।
दवा कंपनियों के लालच के कारण वे Cardioton बनाने वाली कंपनी के हर बेचे गए पैकेट पर रु 2490 ₹ की मांग करती हैं! प्रोडक्ट के रेट पर इतना मार्जिन जोड़ने के बाद (दिल्ली के कुछ क्लीनिकों में Cardioton से इलाज 11,000 रुपए तक पहुँच जा रहा है ), दवा कंपनी वाले एक्सट्रा चार्ज भी लगाना चाहते थे।
दवा कंपनियों के मैनेजर इस फीस को पूरा सही मानते थे क्योंकि इससे इनकी दुकानदारी चलती रहती है। Cardioton एक ऐसी दवाई है जो मरीजों को हर 7-10 साल में लेनी होती है। इससे भी अधिक, धमनियों को Cardioton से साफ कर लेने के बाद मरीजों को दूसरी दवाओं की जरूरत नहीं पड़ती जो उन्हें वैसे नियमित रूप से लेनी पड़ती है! लोग अपना ब्लड प्रेशर और जोड़ों के दर्द के लिए पेनकिलर लेना बंद कर देते हैं। दमा और मधुमेह की दवाओं की खपत भी नाटकीय रूप से कम हो जाती है। और इस सबसे दवा कंपनियों को बहुत नुकसान होता है। इसलिए इन लोगों ने Cardioton की इतनी अधिक कीमत रखी है।
इसलिए Cardioton को बनाने वाली कंपनी ने दवा की दुकानों से अनुबंध तोड़ दिया और केवल ऑनलाइन सेल करने लगी। वास्तव में यह अच्छा ही है। इससे उन्हें ना किराया देना पड़ता है, ना दवा की दुकानों को कमीशन देना पड़ता है। इस तरह Cardioton दवा की दुकानों पर बेचने की तुलना में आज ज्यादा लोगों की पहुंच में है।

साफ धमनियाँं डिस्काउंट प्रोग्राम

4980 ₹ 2490 ₹
हमारी संस्था ने मुंबई की यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड फार्मेसी, भारतीय डाक और Cardioton को बनाने वाल कंपनी के सान्निध्य में, एक टेलीमेडिसिन प्रोजेक्ट के तहत (ऑनलाइन दवाएं), डिस्काउंट का एक प्रोग्राम शुरू किया है।
इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों को Cardioton एक स्पेशल रेट पर दी जाएगी जो 2490 ₹ तक ही होगा !

इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए आपको और क्या चाहिए?

Cardioton को डिस्काउंट प्रोग्राम में ऑर्डर करने के लिए आपको निम्नलिखित शर्तों का पालन करना होगा:

प्रोग्राम में Cardioton की शर्तें:

  • आप Cardioton निजी उपयोग के लिए ही ऑर्डर कर सकते हैं ग्राहक और पाने वाला व्यक्ति एक ही होना चाहिए। यह इसलिए जरूरी है ताकि बिचौलिये Cardioton को खरीदकर जमाखोरी न करें और ज़्यादा रेट पर न बेचने लगें।
  • प्रोग्राम के ऑफिशियल प्रोग्राम के जरिए ऑर्डर दें ऑर्डर के ऑफिशियल प्रोग्राम से उत्पादक की ओर से रेट की गारंटी होती है और आप बिचौलियों से बच जाते हैं

डिस्काउंट प्रोग्राम कब तक चलेगा?

जब तक Cardioton का स्टॉक खत्म नहीं हो जाता। मतलब करीब 3-4 हफ्ते। और टीवी तथा रेडियो पर कोई विज्ञापन नहीं होने के बाद भी ये इतनी जल्दी खत्म हो जाती है। जो मरीज इससे ठीक हो जाते हैं वे इसके बारे में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बताते हैं। हमें भी यह बड़ा आश्चर्यजनक लगा कि Cardioton का स्टॉक इतनी जल्दी खत्म हो जाता है। Cardioton पर डिस्काउंट का आखिरी दिन है - मिलाकर
इसलिए मैं यही सलाह दूँगा कि आप Cardioton का ऑर्डर जितनी जल्दी हो सके दे दें। प्रोग्राम इस साल दोबारा नहीं किया जाएगा।

को डिस्काउंट वाले रेट पर स्टॉक में

83 पीस बचे हैं।

आप फॉर्म भर सकते हैं और "Cardioton" डिस्काउंट के रेट 2490 ₹ में खरीद सकते हैं:

4980 ₹
2490 ₹

रिव्यू

पीयूष मल्होत्रा
मैंने पिछले साल इसे लिया था और इलाज में करीब 27,000 रुपए खर्च हो गए थे, तब Cardioton को दवाई की दुकानों में बेचा जाता था। ईमानदारी से कहूं तो मुझे कोई दुख नहीं है! रेट ज्यादा होने पर भी हमने 1 साल के अंदर इतना ही पैसा दूसरी दवाओं पर खर्च होने से बचा लिया। और मुझे बहुत अच्छा भी महसूस होने लगा है, खर्च किए गए पैसे की पूरी कीमत वसूल हो गई! मुझे 52 साल की उम्र में भी ऐसा लगता था मानो पूरे बुड्ढे हो गए हो। मेरे हाथों में हमेशा कोई ना कोई दवाई रहती थी और मैं रिटायरमेंट तक जिंदा रहने की उम्मीद नहीं करता था । मुझे ऐसा लगता था मेरा सर फट जाएगा और कई बार तो यह ख्याल आते थे कि इससे अच्छा तो मर जाऊं... लेकिन इस नुस्खे से मैं 2 महीने के अंदर भूल गया कि हाई ब्लड प्रेशर क्या होता है, मुझे फिर से जवान महसूस होने लगा है और मैं एक स्वस्थ आदमी बन गया हूं (आप समझ ही गए होंगे मेरा क्या मतलब है)! इसलिए, इसे तो इसके नॉर्मल रेट पर खरीदना भी पैसे वसूल है, आपको इससे पछतावा नहीं होगा! मुझे ऐसा लगता है कि Cardioton पर भविष्य में प्रतिबंध लग जाएगा, क्योंकि इससे कई कंपनियाँ बर्बाद हो जाएंगी।
वृंदा
Cardioton - सबसे बेहतरीन प्रोडक्ट। मैंने पहले एडेलफान दवा ली और फिर एरिनिट। मैं जानती हूं कि यह दवाएं उतना असर नहीं करती जितना डॉक्टर बताते हैं। लेकिन मुझे डॉक्टर के पास जाना अच्छा नहीं लगता और मुझे लगा कि मेरी समस्या इतनी गंभीर नहीं है। जब भी मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ जाता था और सीने में दर्द होने लगता था तो मैं कभी-कभी दवाई ले लेती थी। लेकिन कुछ समय बाद इन दवाओं ने असर करना बंद कर दिया। मैंने एक डॉक्टर को भी दिखाया लेकिन उसने मुझे Cardioton लेने को कहा (वो एक यंग डॉक्टर था, उन कुछ लोगों में से एक जो ये मानते हैं कि दवाइयाँ लोगों को ठीक करने के लिए होती हैं, उन्हें लूटने के लिए नहीं!)। Cardioton से मुझे पहले दिन से ही फायदा होने लगा है - मेरा ब्लड प्रेशर तुरंत कम हो गया लेकिन मैंने इसे डॉक्टर के बताए मुताबिक लेना चालू रखा। तीन हफ्तों में तो मैं हाई ब्लड प्रेशर नाम की चीज ही भूल गई। मेरी वेरीकोज नसें भी ठीक हो गई जो मुझे 10 साल से प्रताड़ित कर रहीं थीं! मुझे कुछ गायनेकोलॉजिकल समस्याएं भी थीं जो ठीक हो गई। मैं बहुत अच्छा महसूस करती हूं, बिल्कुल एक कम उम्र की लड़की की तरह!
मनीषा तिवारी
थैंक्स!!! मुझे ये डिस्काउंट पर मिल गए। मैंने इसे ट्राय करूंगी।
दिनेश गुलाटी
30,000? यह तो बहुत ही कम है...
अनीता
मैं क्या बोलूं, मैं हमेशा उन लोगों को देखकर आश्चर्यचकित होती रहती हूं जो दूसरों को देखकर अपनी जिंदगी जीते हैं!!! उन्हें लगता है कि पूरी दुनिया उन्हीं के लिए बनी है! जब मुझे पता चला कि मुझे Cardioton की जरूरत है तो मैंने ज्यादा दिमाग नहीं लगाया! मैंने पैसे उधार लेकर इसे खरीद लिया ! मैंने इस पर ₹21000 खर्च किए! कुछ लोग तो इसके लिए 4980 ₹ ही नहीं खर्च नहीं करना चाहते और डिस्काउंट का इंतजार करते रहते हैं! क्या बेवकूफी है!
स्मिता
आपको दूसरों पर कमेंट नहीं करना चाहिए। आपको भला दूसरों की स्थिति क्या पता! हो सकता है यह लोग गरीब हों, हो सकता है इनकी पास कोई नौकरी नहीं हो, ये इतना पैसा कहां से लाएंगे?
उर्वशी राजपूत
कुछ महीनों पहले मेरी मम्मी को उंगलियों में सुन्न महसूस होने लगा। हमारी एक पहचान की डॉक्टर हैं जिन्होंने उन्हें धमनियों को साफ करने की सलाह दी। उन्होंने "स्टेटिन" दवाएं लिख दी लेकिन मैंने बड़ा कि इनसे कोलन कैंसर हो जाता है और मैं यह जोखिम नहीं लेना चाहती थी। बड़े संयोग की बात है कि मुझे Cardioton के बारे में पता चल गया। मैंने तुरंत Cardioton एक दलाल के जरिए खरीद ली, मैंने इसके लिए ₹27000 दिए। मुझे जल्दी ही इसके सकारात्मक प्रभाव नज़र आने लगे और कुछ ही दिनों में मम्मी की तो रंगत ही बदल गई, उनके बाल, नाखून और पूरे शरीर का स्वास्थ्य बहुत अच्छा हो गया, 14 दिन में उनकी उंगलियां सुन्न होना कम हो गया। डेढ़ महीने के बाद उंगलियां सुन्न होना पूरी तरह बंद हो गया, ब्लड प्रेशर फिर से सामान्य हो गया। उन्हें बहुत अच्छा महसूस होता है, अच्छी एनर्जी रहती है, उनकी मेमोरी भी सुधर गई है और जोड़ों में अब दर्द नहीं होता, यहां तक कि खराब मौसम में भी कुछ नहीं होता। यह नुस्खा बहुत ही शानदार है। मैं पूरे विश्वास से इसकी सलाह दे सकती हूं!
फ़र्ज़ाना अख्तर
मैंने तुरंत ब्लड प्रेशर के लिए Cardioton खरीद ली क्योंकि मेरा सर हर शाम दुखता रहता था, पेनकिलर से भी कोई फायदा नहीं हो रहा था। बाद में मुझे पता चला कि सरदर्द हाई ब्लड प्रेशर से होता था। मेरे ऑफिस की एक लड़की ने मुझे Cardioton के बारे में बताया था। 2 महीने के अंदर तो मैं एक दूसरी ही लड़की बन गई! इसके बाद में समझ गई की धमनियों को साफ करने से पहले तो मैं अपनी जिंदगी ही नहीं जी पा रही थी! अब मुझे दर्द होना बंद हो गए थे, वेरीकोज नसें चली गई थीं और सबसे अच्छी बात - मैंने 18 किलो वजन भी घटा लिया था! यह ब्लड प्रेशर के सामान्य हो जाने के कारण हुआ था! अब मैं Cardioton हर किसी को पूरे विश्वास से लेने को कह सकती हूँ!
निधि गुप्ता
आपकी कमेंट के लिए धन्यवाद। मुझे डॉक्टर के पास जाना बिलकुल अच्छा नहीं लगता, ये ऐसी महंगी दवाएं लिख देते हैं जो कई बार कहीं मिलती भी नहीं हैं। (मुझे याद है मैंने कैसे अपनी आंखों के लिए लिखे गए "खास" आईड्रॉप पूरे शहर भर में ढूंढे थे लेकिन कहीं नहीं मिले)। मैं क्या कहूं, डॉक्टर समस्या को जड़ से दूर करने की कोशिश नहीं करते। मेरी उंगलियां कई बार सुन्न पड़ जाती थी। आप सभी के अनुभव जानने के बाद अब मैं Cardioton लूँगी। और यदि उंगलियां सुन्न पड़ने के पीछे कोई और कारण भी है तो भी धमनियों को साफ करने में कोई बुराई नहीं है! आखिर यह एक नेचुरल प्रोडक्ट है और इसके कई फायदे हैं। थैंक्स!!!
पूजा सिंह
लेख के लिए धन्यवाद! मैंने यह बिल्कुल सही समय पर पढ़ लिया। मैंने अभी-अभी कॉलेस्ट्रोल के लिए ब्लड टेस्ट कराया था और मेरे डॉक्टर ने मुझे स्टैटिन लिख दिए थे। इन्हें लेने के पहले मैं Cardioton लेकर देखूँगी, इसके नैचुरल घटक मुझे आत्मविश्वास से भर देते हैं।
ज्योति श्रीवास्तव
मैंने बहुत समय पहले धमनियों को साफ करने की प्रक्रिया के बारे में सुना था लेकिन इसे कभी ट्राई नहीं किया... यदि यह डिस्काउंट पर मिल रही है तो अभी सही समय है... :)
पंखुड़ी सिन्हा
मैंने रिस्क उठाई और इसका पछतावा नहीं हुआ। यदि आपको धमनियों में दिक्कत है तो मैं इसकी सलाह दूंगी। इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं है और रिजल्ट बहुत अच्छे हैं।
दिशा
मुझे हाई कोलेस्ट्रॉल है और मुझे डॉक्टर ने LIVAZO लिख दी थी। लेकिन मैं ऐसे नहीं ले पाई, 1 हफ्ते भी नहीं, लिंफ नोड सूज जाते थे और मैं गर्दन तो घूमा ही नहीं पाती थी। मेरी नज़र बहुत कमजोर हो गई थी। इन्हें लेने के 4 दिन के अंदर ही मुझे धुंधला दिखाई देने लगा। डॉक्टर बोला कि स्टेटिन का ऐसा असर होता है। डॉक्टर ने इसकी जगह CRESTOR लिख दी लेकिन मुझे इसे लेने से भी बहुत डर लगता था। अब मैं Cardioton ट्राय करूंगी, मुझे लगता है इसके नैचुरल होने के कारण साइड-इफेक्ट नहीं होते।
सुरेश मीणा
Cardioton कोलेस्ट्रॉल को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है! इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते क्योंकि यह पूरी तरह प्राकृतिक घटकों से बना है। हो सकता है कभी-कभार बिरले किसी को कोई एलर्जी रिएक्शन हो जाए।
सचिन
कॉलेस्ट्रोल से लड़ने का सबसे अच्छा इलाज है अपने खानपान पर कंट्रोल!
सविता
खानपान से कोलेस्ट्रॉल जमा होना बंद हो जाता है लेकिन पुरानी परतों का क्या। मेरा विश्वास कीजिए मैंने कई तरह की डाइट करके देखी हैं।
नूतन जैन
मेरा टोटल कॉलेस्ट्रोल 6.8 पहुंच गया था जो मेरे लिए बहुत ज्यादा था। मुझे हमेशा चक्कर आते रहते थे, मेरा ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा रहता था और हमेशा चिड़चिड़ापन बना रहता था। 2 महीने के अंदर मेरा कॉलेस्ट्रोल 3.4 पहुंच गया। मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा है। अब मुझे ब्लड टेस्ट कराने की भी जरूरत नहीं पड़ती। मुझे अंतर समझ में आता है क्योंकि अब मैं साफ-साफ सोचने लगी हूँ :)) मेरी सहेलियां कहती हैं कि अब मेरी आवाज भी बहुत साफ हो गई है! मुझे अपनी जिंदगी के सभी पहलुओं में सकारात्मक बदलाव नज़र आए हैं।
योगिता शिवहरे
जानकारी के लिए धन्यवाद! मैंने इसे लूँगी, ब्लड प्रेशर ज़्यादा होने से बहुत परेशानी हो रही है...
जानकी सुले
मैं भी सहमत हूँ! Cardioton बहुत ही बढ़िया है, यह सबसे किफायती और असरदार दवाओं में से एक है! दूसरी दवाओं की तुलना में डिस्काउंट के बिना भी इसकी कीमत 10 गुना कम है,और इसका रिजल्ट 10 गुना ज्यादा अच्छा आता है और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं।


प्रोग्राम में Cardioton का स्टॉक: 83 पीस

"Cardioton " को डिस्काउंट वाले रेट पर लेने के लिए एप्लिकेशन प्राप्त करने की आखिरी तारीख है

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